कभी ध्यान दिया है? ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा मज़ा तब आता है जब हम थोड़ा off-beat, थोड़ा messy, थोड़ा childish बन जाते हैं। लेकिन अजीब बात ये है कि इन्हीं moments में हमारा Good Sense चुपके से पीछे खड़ा होकर कहता है—“Are you sure? Log kya kahenge? Ye practical nahi hai.” और बस, यहीं पर creativity धीरे-धीरे मरने लगती है।
जब हम बच्चे थे, हर चीज़ में excitement थी। कागज़ की एक छोटी सी boat भी ocean लगती थी, एक खाली दीवार कहानी बन जाती थी, और टूटी हुई पेंसिल से भी हम अपनी दुनिया बना लेते थे। हम जन्म से creative होते हैं, लेकिन बड़े होते-होते society हमें सिखाती है—“Be practical, be sensible, don’t dream too much।” और हम उसे सच मान लेते हैं।
Good Sense दिखने में बहुत अच्छा लगता है। It makes you mature, responsible, sorted. But अंदर से ये एक invisible brake बन जाता है। दिल कहता है कुछ नया try करूँ, दिमाग कह देता है wait. यहीं creativity की सांसें रुक जाती हैं। Creativity को हमेशा chaos पसंद है—imperfect ideas, weird imagination, risk लेने वाली energy… लेकिन Good Sense हमेशा कहता है, “Safe खेलो।”
कभी रात के 2 बजे कोई random idea आया है? “I should start writing”, “I should paint again”, “I should restart that old dream.” उस moment में दिल पूरी तरह ready होता है। लेकिन सुबह होते ही वही Good Sense आकर कहता है—“That won’t work. Responsibilities याद हैं?” और आपकी creativity फिर postpone हो जाती है… बिना किसी तारीख के।
हम ऐसा क्यों करते हैं? क्योंकि हम गलत होने से डरते हैं। We fear judgment, comparison, failure. लेकिन सच ये है कि creativity सिर्फ वहीं जन्म लेती है जहाँ इंसान imperfect होने को accept करता है। असली art, असली ideas, असली innovation हमेशा थोड़ा पागलपन लेकर आते हैं—सही रहने की कोशिश से नहीं।
Irony यह है कि दुनिया creativity को admire करती है। लोग Elon Musk को पसंद करते हैं, लेकिन अपने घर के बच्चों से कहते हैं—“Safe career चुनो।” लोग Picasso की कला को worship करते हैं, लेकिन किसी को paint करते देख बोलते हैं—“Shauk ठीक है, पर real life में काम नहीं आएगा।” Creativity को celebrate किया जाता है, nurture नहीं।
Creativity को talent की ज़रूरत नहीं होती। उसे बस freedom चाहिए। थोड़ा space, थोड़ा courage, थोड़ा madness और Good Sense वाली आवाज़ को कुछ देर के लिए mute करने की capacity चाहिए। Creativity चाहती है कि आप feel करो, observe करो, pattern तोड़ो, fail करो और फिर अपनी style में उठो।
किसी भी ज़िंदगी में सबसे सुंदर चीज़ें तब पैदा होती हैं जब हम Good Sense को थोड़ा pause करके दिल की आवाज़ को play करते हैं। कभी-कभी ज़रूरत बस इतनी होती है कि practical होने की आदत से एक कदम पीछे हट जाएं। क्योंकि कई बार sensible बनते-बनते वो सब मर जाता है जो असल में हमें ज़िंदा महसूस कराता है।
तो अगली बार जब कोई idea आए—overthink मत करना। Calculate मत करना। बस कर देना। क्योंकि शायद उसी एक छोटे से moment में आपकी खोई हुई creativity फिर से जन्म लेने की कोशिश कर रही हो।
और शायद इसी बात को सबसे गहराई से समझने वाला इंसान Pablo Picasso ही था। उसने कहा था कि creativity किसी बड़ी तकनीक से नहीं, बल्कि उस छोटे से पागलपन से जन्म लेती है जिसे हम समझदारी के डर में दबा देते हैं। उसके अपने शब्दों में—creativity का सबसे बड़ा दुश्मन हमेशा वही Good Sense रहा है… जिसे हम अक्सर अपनी सबसे बड़ी ताकत समझ बैठते हैं।
